जनता ने जिस तरह नगर निगम चुनाव में भाजपा पर भरोसा कर नगर सरकार बनाकर राजधानी का इतिहास रचा था आज सबकुछ उलटा हो रहा है। खासतौर पर भेल क्षेत्र में पहली बार महापौर आलोक शर्मा को रिकार्ड जीत दिलाई और यहां के 18 वार्डों में से 16 वार्डों में भाजपा के पार्षद चुनने का इतिहास रचा आज वहां यहां के आमजन बारिश में नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। पहली बारिश में ही यह पता चल चुका था कि इस क्षेत्र की कालोनियों में पानी की निकासी न होने के कारण किस तरह से जनता ने परेशानी झेली। इसके बावजूद भी नगर निगम के आला अफसर और जनप्रतिनिधियों ने ध्यान नहीं दिया आज हालात यह पैदा हो गए हैं कि दूसरी बारिश में फिर दर्जनों कालोनियों में सीवेज का गंदा पानी घरों में प्रवेश कर गया। यही नहीं नालों के उफान ने भेल क्षेत्र की कई कालोनियां व झुग्गी बस्ती तालाब में तब्दील हो गई। यदि बारिश का कहर जारी रहा तो निश्चित ही यहां डूब जैंसी स्थिति पैदा हो सकती है। संतोषी विहार ,भवानीधाम, छत्रपति नगर, सागर एवेन्यू, मुस्कान अस्पताल, शिव कल्प, लक्ष्मी नगर, जेेकेरोड़, इंद्रपुरी, छत्तीसगढ़ लेबर कालोनी, सतनामी नगर, झील नगर, अर्जुन नगर,पटेल नगर,अयोध्या नगर जैंसी दर्जनों कालोनियों के इस बारिश में बुरे हाल देखे गए। यहां के लोग नगर निगम को कोसते नजर आए। यहां तक कि नगर निगम कर्मी और जनप्रतिनिधि भी मौके पर नहीं पहुंचे।
नालों का कहर बरकरार: में वर्ष 2006 में हुई बारिश ने अतिक्रमण व साफसफाई के अभाव में बड़े नालों ने कहर बरपाया था। 4 साल बाद भी इन नालों के हालात बद्तर है। प्रायवेट कालोनियों की बाढ़ ने इन नालों को अतिक्रमण की चपेट में ले लिया। महापौर श्रीमती कृष्णा गौर ने नालों पर किये जा रहे बिल्डरों द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की थी।
फिर बारिश ने ढहाया कहर, कालोनियां हुईं तालाब में तब्दील
भोपाल